निबन्ध सतर्क भारत समृद्ध भारत Essay on Satark Bharat Samridh Bharat

देश और समाज हमेशा कई प्रकार के खतरों से जूझ रहा होता है; इनमें से कई खतरे तो दिखाई देते हैं परंतु कई ऐसे खतरे भी होते हैं जो अदृश्य होते हैं । दिखाई देने वाले खतरों के बारे में जानना समझना और उनका सामना करना आसान होता है, लेकिन जो खतरे अदृश्य होते हैं यानी कि दिखाई नहीं देते…

क्या सच में हम स्वतन्त्र हैं ? स्वतन्त्र होने की जिम्मेदारी

{इस प्ले को कोई भी इस्तेमाल कर सकता है |  यदि चाहे तो कुछ सुधार  के साथ भी इस्तेमाल कर सकते है | बस ध्यांन रहे की लेखक को क्रेडिट जरूर दें , धन्यवाद | – चंद्रभूषण सिंह , लेखक} —————–पहले पहले दृश्य में ———— एक तरफ से तीन अंग्रेज आएंगे और उनमें से एक कहेगा कि – पहला अंग्रेज…