निबन्ध सतर्क भारत समृद्ध भारत Essay on Satark Bharat Samridh Bharat

देश और समाज हमेशा कई प्रकार के खतरों से जूझ रहा होता है; इनमें से कई खतरे तो दिखाई देते हैं परंतु कई ऐसे खतरे भी होते हैं जो अदृश्य होते हैं । दिखाई देने वाले खतरों के बारे में जानना समझना और उनका सामना करना आसान होता है, लेकिन जो खतरे अदृश्य होते हैं यानी कि दिखाई नहीं देते हैं उनके बारे में कभी कुछ भी कह पाना आसान नहीं होता है । 

समाज में रहने वाले लोगो को दोनों प्रकार के खतरों के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है और साथ ही उन्हें परास्त करने के तरीके भी जानना जरूरी है । इनके बारे मेन जानकारी रखने के लिए जागरूक रहना होगा, क्योंकि कब कौन सी परेशानी आ जाए इसके बारे में कभी-कभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं हो पाता है । 

आज हम सब ऐसे समय पर जी रहे हैं, जहां पर तकनीकी का बड़ा योगदान है । यह तकनीक रोज बदल रही है, जिसकी वजह से हमें हमेशा खुद को इसके लिए तैयार रखना होगा । जहां तकनीक हमें कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करती है, वहीं यह समाज के लिए कई प्रकार के खतरे भी साथ लेकर आती है । इसीलिए आज यह जरूरी है कि हमें तकनीक के सही इस्तेमाल के बारे में तो पता हो ही साथ ही इसकी गहन जानकारी भी बहुत आवश्यक है कि यह समाज व देश को किस प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है । 

जिस प्रकार मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग और इसकी उपलब्धता आज तेजी से बढ़ी है उसी अनुपात में यह समाज और देश के लिए बड़े खतरे भी सामने लेकर आई है । आज इसी तकनीक का इस्तेमाल करके कई असामाजिक लोग साइबर अपराध में लिप्त हो जाते हैं और इससे कई अमानवीय कार्य भी करते हैं । जिससे समाज तो प्रभावित होता ही है, साथ ही साथ देश की प्रगति भी प्रभावित होती है । 

आजकल साइबर अपराध को आधार बनाकर कई लोग पूरे देश की विद्युत की ग्रिड को प्रभावित कर सकते हैं और उस देश या क्षेत्र के बिजली के प्रवाह को पूरी तरह से बाधित कर सकते हैं, जो कि बड़े चिंता की बात है । क्योंकि आज कोई भी सभ्य समाज बिना बिजली के आज नहीं रह सकता है । इसीलिए आज हमें साइबर अपराध और उस तकनीकी से जुड़ी बहुत सारे खतरों से आगाह रहने की आवश्यकता है । यदि समाज में रहने वाले लोग इस प्रकार के खतरों से सतर्क रहेंगे और उनका सामना करने के लिए पहले से ही तैयार रहेंगे तो ऐसे में कोई भी परेशानी आने से पहले ही उसका हल निकाला जा सकता है और बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है । 

सतर्कता एक ऐसा शब्द है, जो जीवन के हर पहलू में शामिल होता है; वह चाहे घर हो कार्यालय हो या फिर खेल का मैदान हो । यह सभी जगह अपना महत्व रखता है। घर में रहने वाले लोग यानि कि पूरा परिवार यदि सतर्क रहता है और बाहरी खतरों से बचने के लिए तैयार रहता है तो पूरा परिवार सुखी और समृद्ध बनता है । ऐसे में कभी भी परिवार में किसी प्रकार की बड़ी परेशानी नहीं आती है और यदि कोई परेशानी आती भी है तो ऐसे में उसका समाधान आसानी से कर लिया जाता है जो किसी भी परिवार की प्रगति का बहुत बड़ा कारक होता है । 

इन दिनों कोरोना के कहर से कोई भी अछूता नहीं है और इस महामारी से बचाव भी सतर्क रहने में ही निहित है । यह एक तात्कालिक उदाहरण है, जिससे हम कुछ ना कुछ जरूर सीख सकते हैं । इस महामारी की शुरुवात कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से हुई और बाद में यह कई कारणों से बढ़ती चली गई । आज उसी लापरवाही की वजह से हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व परेशान है और विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है । यदि शुरुआत से ही जिम्मेदार लोग सतर्क रहते तो कोरोना जैसी महामारी और इससे होने वाले बड़े नुकसान से बड़े आसानी से बचा जा सकता है । आज हम देखते हैं कि इतने दिनों के बाद भी इस रोग से बचाव के लिए सतर्कता ही एक बड़ा हथियार है, जिसके बारे में आज सभी लोग चर्चा करते हैं कि किस प्रकार से इस महामारी से बचा जा सकता है । 

इसी प्रकार यदि किसी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारी/अधिकारी यदि अपने कार्य में निष्पक्षता, निष्ठा, ईमानदारी के साथ-साथ सतर्क रहते हैं तो वे कई प्रकार की मुश्किलों के मकड़जाल से बच सकते हैं, साथ ही साथ वे उन नागरिकों को भी बचा सकते हैं जोकि सरकार पर किसी न किसी प्रकार से निर्भर होते हैं । 

पूरा देश और देश के लोग यदि अपने-आप मे अनुशासन रखते हैं तो बहुत से कार्य बड़ी आसानी से हो जाते हैं । देश में यदि समस्याएं कम होंगी तो सभी का विकास होगा चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक । हर क्षेत्र में अग्रणी रहेंगे इसीलिए सतर्कता को विकास की सीढ़ी मानना अनुचित नहीं होगा ।